तुमसे ही मिली खुशिया

तुमसे ही मिली खुशिया तुम से जिंदगानी है,
जो कुछ भी हु मैं गुरुवर तेरी मेहर वाणी है
तुमसे ही मिली खुशिया तुम से जिंदगानी है

कभी सोचा न था मैंने तूने वो कर डाला
तुने मेरे जीने का अंदाज बदल डाला
तेरी महिमा गाई तो पेहचान ये पाई है,
जो कुछ भी हु मैं गुरुवर तेरी मेहर वाणी है

सुना मेरा जीवन था तू बन के बाहार मिला
मेरी नाव् भव्र में थी बन के पतवार मिला
पेहले गम के आंसू से अब खुशिया आई है
जो कुछ भी हु मैं गुरुवर तेरी मेहर वाणी है

तूने ज्ञान जगाया है भगती भी जगाई है
हम भगतो की तूने तकदीर बनाई है
तेरी शरण में रेहना तुमसे प्रीत लगाई है
जो कुछ भी हु मैं गुरुवर तेरी मेहर वाणी है

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

देवशयनी एकादशी

रविवार, 06 जुलाई 2025

देवशयनी एकादशी
गुरु पूर्णिमा

गुरूवार, 10 जुलाई 2025

गुरु पूर्णिमा
आषाढ़ पूर्णिमा

गुरूवार, 10 जुलाई 2025

आषाढ़ पूर्णिमा
कामिका एकादशी

सोमवार, 21 जुलाई 2025

कामिका एकादशी
पुत्रदा एकादशी

मंगलवार, 05 अगस्त 2025

पुत्रदा एकादशी
रक्षा बन्धन

शनिवार, 09 अगस्त 2025

रक्षा बन्धन

संग्रह