आरती तर्ज – अम्बे तू है जगदम्बे काली
तेरी जय हो हनुमान निराले,
बालाजी घाटे वाले,
तेरे ही गुण गाएं भारती,
हो बाला हम सब उतारे तेरी आरती,
हो बाला हम सब उतारें तेरी आरती…….
तेरे भक्त जनों पे बाला,
विपदा पड़ी है भारी,
अंजनीपुत्र पवनसुत प्यारे,
संकट हरो हमारे,
सबके संकट मिटाने वाले,
बालाजी घाटे वाले,
दुनिया ये तुमको पुकारती,
हो बाला हम सब उतारें तेरी आरती…….
महावीर हनुमत बल बीरा,
तेरी अजब है माया,
सागर लांघ गए तुम लंका,
माता की सुध लाया,
तुम हो लंका जलाने वाले,
बालाजी की घाटे वाले,
दुनिया तुम्हारे पग चूमती,
हो बाला हम सब उतारें तेरी आरती…….
शक्ति लगी जब लक्ष्मण जी को,
बूटी तुम ही लाए,
लक्ष्मण जी के प्राण बचाए,
श्री राम हर्षाए,
तुम हो पर्वत उठाने वाले,
बालाजी की घाटे वाले,
दुनिया ये रूप निहारती,
हो बाला हम सब उतारें तेरी आरती…….
जो बाला तेरा नाम ध्यावे,
संकट निकट ना आवे,
सवामणि का भोग चढ़ावे,
सारी खुशियाँ पावे,
सबके रोग मिटाने वाले,
बालाजी की घाटे वाले,
दुनिया ये तुमको ही पुजती,
हो बाला हम सब उतारें तेरी आरती…….
मंगलवार और शनिवार को,
मेला लगता भारी,
बालाजी हनुमान के दर्शन,
करती दुनिया सारी,
सबके भाग्य जगाने वाले,
बालाजी की घाटे वाले,
दुनिया ही जय जय तेरी बोलती,
हो बाला हम सब उतारें तेरी आरती…….
प्रेम से बालाजी की आरती,
जो कोई नर गावे,
बैरागी बाला की दया से,
मन इच्छा फल पावे,
सबपे किरपा बरसाने वाले,
बालाजी घाटे वाले,
तेरे ही गुण गाएं भारती,
हो बाला हम सब उतारें तेरी आरती…….
तेरी जय हो हनुमान निराले,
बालाजी घाटे वाले,
तेरे ही गुण गाएं भारती,
हो बाला हम सब उतारें तेरी आरती…….
Author: Unknown Claim credit