हे पवन पुत्र हनुमान राम के भक्त निराले,
संकट मोचन हनुमान विपत्ती हरने वाले,
राम के भक्त निराले…

उगते सूरज को फल समझा,
उड़ गए और मुंह में रखा,
देवों की विनय सुन रवि को मुक्ति देने वाले,
राम के भक्त निराले…

बजरंगी बल के सागर हो,
तुम ज्ञान बुद्धि के आगर हो,
लंका जाकर सीता जी की सुधि लाने वाले,
राम के भक्त निराले…

जब शक्ति बाण लगा लक्ष्मण के,
और शेष थे कुछ पल जीवन के,
लाके संजीवनी उनके प्राण बचाने वाले,
राम के भक्त निराले…

सीता जी ने मणि माला दी,
हर दाने को फोड़ के बिखरा दी,
निज हृदय चीर कर सीताराम दिखाने वाले,
राम के भक्त निराले…

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

कामदा एकादशी

मंगलवार, 08 अप्रैल 2025

कामदा एकादशी
हनुमान जयंती

शनिवार, 12 अप्रैल 2025

हनुमान जयंती
चैत्र पूर्णिमा

शनिवार, 12 अप्रैल 2025

चैत्र पूर्णिमा
वरुथिनी एकादशी

गुरूवार, 24 अप्रैल 2025

वरुथिनी एकादशी
मोहिनी एकादशी

गुरूवार, 08 मई 2025

मोहिनी एकादशी
वैशाखी पूर्णिमा

सोमवार, 12 मई 2025

वैशाखी पूर्णिमा

संग्रह