हे संकट मोचन करते है वंदन

जय जय राम जय जय राम,
जय जय राम जय जय राम,
जय जय राम जय जय राम,

हे संकट मोचन करते है वंदन,
तुमरे बिना संकट कौन हरे ।
सालासर वाले तुम हो रखवाले,
तुम्हरे बिना संकट कौन हरे ।।

सिवा तेरे न दूजा हमारा,
तू ही आ कर के देता सहारा ।
जो भी बिपदा आये पल में मिट जाये,
तुम्हरे बिना संकट कौन हरे ।।

तूने रघु वर के दुखड़ो को टाला,
हर मुसीबत से उनको निकाला ।
रघुवर के प्यारे आँखों के तारे,
तुम्हरे बिना संकट कौन हरे ।।

अपने भगतो के दुखड़े मिटाते,
हर आफत से हम को बचाते ।
किरपा यु रखना थामे तू रखना,
तुम्हरे बिना संकट कौन हरे ।।

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

ज्येष्ठ पूर्णिमा

बुधवार, 11 जून 2025

ज्येष्ठ पूर्णिमा
योगिनी एकादशी

शनिवार, 21 जून 2025

योगिनी एकादशी
देवशयनी एकादशी

रविवार, 06 जुलाई 2025

देवशयनी एकादशी
गुरु पूर्णिमा

गुरूवार, 10 जुलाई 2025

गुरु पूर्णिमा
आषाढ़ पूर्णिमा

गुरूवार, 10 जुलाई 2025

आषाढ़ पूर्णिमा
कामिका एकादशी

सोमवार, 21 जुलाई 2025

कामिका एकादशी

संग्रह