होली खेल रहे हनुमान
होली खेल रहे हनुमान भक्तों के बीच में आके।भक्तों के बीच में आके।
भक्तों के बीच में आके।होली खेल रहे हनुमान भक्तों के बीच में आके।
सिंदूर बदन पर डालें वह भर पिचकारी मारे।
ना हारे कदी भी वह बलवान,भक्तों के बीच में आके।
भक्तों के बीच में आके।भक्तों के बीच में आके।
होली खेल रहे हनुमान भक्तों के बीच में आके।
लगे लाल लंगोटा प्यारा अंजनी का राज दुलारा।
वो तो रखता सबका ध्यान, भक्तों के बीच में आके।
भक्तों के बीच में आके।भक्तों के बीच में आके।
होली खेल रहे हनुमान भक्तों के बीच में आके।
जय बोले राम सिया की, जय लखन मेरे भैया की।
वो तो रटे है राम ही राम,भक्तों के बीच में आके।
भक्तों के बीच में आके।भक्तों के बीच में आके।
होली खेल रहे हनुमान भक्तों के बीच में आके।
से मोहनलाल अज्ञानी बाबा तेरी महिमा न जानी।
यो तो रखे सदा ही तेरा ध्यान,भक्तों के बीच में आके।
भक्तों के बीच में आके।भक्तों के बीच में आके।
होली खेल रहे हनुमान भक्तों के बीच में आके।
होली खेल रहे हनुमान भक्तों के बीच में आके।
भक्तों के बीच में आके।भक्तों के बीच में आके।
होली खेल रहे हनुमान भक्तों के बीच में आके।
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