माँ अंजनी के लाल
कलयुग कर दियो निहाल
ओ पवन पुत्र हनुमान
तुम श्री राम के सेवक हो

शिव शंकर के अवतार
मेरे बालाजी सरकार
ओ पवन पुत्र हनुमान
तुम श्री राम के सेवक हो

तू माँ अंजनी का जाया
शिव अवतारी कहलाया
पाकर के अद्भुत शक्ति
संसार में मान बढाया

तेरी सूरत कुछ कपी सी
कुछ मानव सी सुहाय
मन में राम समाए
और तन सिंदूर रमाये
तेरी छाती बज्र समाये
तुम श्री राम के सेवक हो

जब हरण हुआ सीता का
कुछ पता नही लग पाया
तूने जा के लंका नगरी
माँ सीता का पता लगाया
तूने राक्षस सब पछाड़े
पहले गरजे फिर दहाड़े
सबको मिलकर दिए पछाड़

माँ अंजनी के लाल
कलयुग कर दियो निहाल
ओ पवन पुत्र हनुमान
तुम श्री राम के सेवक हो

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

दुर्गा अष्टमी

शुक्रवार, 11 अक्टूबर 2024

दुर्गा अष्टमी
महा नवमी

शुक्रवार, 11 अक्टूबर 2024

महा नवमी
दशहरा

शनिवार, 12 अक्टूबर 2024

दशहरा
पापांकुशा एकादशी

सोमवार, 14 अक्टूबर 2024

पापांकुशा एकादशी
कोजागर लक्ष्मी पूजा

बुधवार, 16 अक्टूबर 2024

कोजागर लक्ष्मी पूजा
अश्विन पूर्णिमा

गुरूवार, 17 अक्टूबर 2024

अश्विन पूर्णिमा

संग्रह