मैंने तेरे भरोसे हनुमान नाव पानी में छोड़ दई,
नाव पानी में छोड़ दई, नाव पानी में छोड़ दई…..

काहे की नाव बनाई,
काहे की पतवार बनाई,
काहे की जंजीर नाव पानी में छोड़ दई….

लकड़ी की नाव बनाई,
चंदन की पतवार बनाई,
लोहे की जंजीर नाव पानी में छोड़ दई….

कौन नाव में बैठने वाले,
कौन नाव को खेवन हारे,
कौन लगावे बेड़ा पार नाव पानी में छोड़ दई…..

सीता माता बैठन वारी,
लक्ष्मण भैया खेवन हारे,
राम लगावे बेड़ा पार नाव पानी में छोड़ दई……

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

मोहिनी एकादशी

गुरूवार, 08 मई 2025

मोहिनी एकादशी
वैशाखी पूर्णिमा

सोमवार, 12 मई 2025

वैशाखी पूर्णिमा
अपरा एकादशी

शुक्रवार, 23 मई 2025

अपरा एकादशी
शनि जयंती

मंगलवार, 27 मई 2025

शनि जयंती
निर्जला एकादशी

शुक्रवार, 06 जून 2025

निर्जला एकादशी
ज्येष्ठ पूर्णिमा

बुधवार, 11 जून 2025

ज्येष्ठ पूर्णिमा

संग्रह