राम सिया के भक्त महान

जय हनुमान जय हनुमान जय हनुमान जय हनुमान,
दो अपनी शरण मे ठौर प्रभू, हमे चहिए ना कुछ और प्रभू,
तुम अति प्यारे हो राम सिया के, भक्तन के सिर मौर प्रभू,
राम सिया के भक्त महान जय बजरंगी जय हनुमान…….

सब कष्ट रहित हो जाता है वो तुम जिसको अपनाते हो,
सब सुख वो पा जाता है तुम जिसको गले लगाते हो,
हम मंद-बुद्धि बल-हीन हमारा, तुम बिन कोई न और प्रभू,
तुम अति प्यारे हो राम सिया के, भक्तन के सिर मौर प्रभू……….

जब जब हम असहाय हुए तब तब तुम्हीं सहाय हुए,
कृपा मेघ बन हम सब पर हो बजरंगी तुम छाए हुए,
जोर जोर मन तुम्हें पुकारे जब दुःख घेरे घनघोर प्रभू,
तुम अति प्यारे हो राम सिया के, भक्तन के सिर मौर प्रभू……

दुष्टन सहित जराई लंका, क्षण में खबर सिया की लाये,
लाय सजीवनि मलयागिरि से तुम लक्ष्मण के प्राण बचाए,
कष्ट कोई ना हमको घेरे, तुम देखो कर के गौर प्रभू,
तुम अति प्यारे हो राम सिया के, भक्तन के सिर मौर प्रभू….

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