तर्ज – ओ फिरकी वाली

( मीठो है नमकीन है बाबा,
चरपरो थोड़ो खाटो,
सोने की थाली में परोसयो,
ढाल चांदी को बाटो,
टाबरिया मनुहार करे बाबा,
देखूं थे कहीया नाटो,
भोग लगाओ श्याम धणी रे,
म्हारा बाकि भक्ता ने बांटो || )

आओ आओ सावरिया बेगा आओ,
जीमो जी भोग लगाओ,
है छप्पन भोग तैयार जी,
थारा टाबरिया करे मनुहार जी ||

केसरिया बरफी कलाकंद रबड़ी,
पैड़ा इमरती बालूशाही,
लाडू बूँदिया जलेबी रसगुल्ला,
गाजर पाक रसमलाई,
गुलाब जामुन शक्करपारा,
घेवर न्यारा न्यारा,
जिमें आवे जी गोधे और घलाओ,
जीमो जी भोग लगाओ,
है छप्पन भोग तैयार जी,
थारा टाबरिया करे मनुहार जी…….

दाल मोठ पकोड़ी कचोडी,
भुजिया पापड़ चिवड़ो,
कढ़ी राबड़ी साग सांगरी को,
बाजरे को बाबा खीचड़ो,
रायते में जीरा को तडको,
पीओ मार सबड़को,
साग काचरे की चट्नी चटाओ,
जीमो जी भोग लगाओ,
है छप्पन भोग तैयार जी,
थारा टाबरिया करे मनुहार जी…….

आम अमरूद अंगूर अनानास,
आलू बुखारा अनार धरया,
केला सेब पपीता चिकू,
संतरा मौसम्बी रसधार धरिया,
काकड़िया रे लाल मतिरा,
तर टमाटर खीरा
नींबू खाटो थोड़ो चिडकाओ,
जीमो जी भोग लगाओ,
है छप्पन भोग तैयार जी,
थारा टाबरिया करे मनुहार जी…….

काजू किसमिस नोजा खुरमानी,
खोपरा छुहारा बादाम लेओ,
जिम जुट और आचमन करके,
फिर थोरी आराम लेवो,
सौंफ इलाईची हाजिर कर दी,
सागे मिशरी धर दी,
सोई नागरिया पान चवाबो,
जीमो जी भोग लगाओ,
है छप्पन भोग तैयार जी,
थारा टाबरिया करे मनुहार जी…….

छप्पन भोग परोसया थारे भगता,
श्याम धणी स्वीकार करो,
सरल बावलो महिमा गावे,
अन्न धन्न रो भंडार भरो,
लीला थारी सब जाग जानी,
थे हो शीश का दानी,
बिगड़ी लख्खा की थे हो तो बनाओ,
जीमो जी भोग लगाओ,
है छप्पन भोग तैयार जी,
थारा टाबरिया करे मनुहार जी……..

आओ आओ सावरिया बेगा आओ,
जीमो जी भोग लगाओ,
है छप्पन भोग तैयार जी,
थारा टाबरिया करे मनुहार जी…….

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

कालभैरव जयंती

शुक्रवार, 22 नवम्बर 2024

कालभैरव जयंती
उत्पन्ना एकादशी

मंगलवार, 26 नवम्बर 2024

उत्पन्ना एकादशी
मासिक शिवरात्रि

शुक्रवार, 29 नवम्बर 2024

मासिक शिवरात्रि
गीता जयंती

बुधवार, 11 दिसम्बर 2024

गीता जयंती
मोक्षदा एकादशी

बुधवार, 11 दिसम्बर 2024

मोक्षदा एकादशी
दत्तात्रेय जयंती

शनिवार, 14 दिसम्बर 2024

दत्तात्रेय जयंती

संग्रह