बदन मनोहर गात

बदन मनोहर गात
सखी री कौन तुम्हारे जात।
राजिव नैन धनुष कर लीन्हे बदन मनोहर गात॥
लज्जित होहिं पुरबधू पूछैं अंग अंग मुसकात।
अति मृदु चरन पंथ बन बिहरत सुनियत अद्भुत बात॥
सुंदर तन सुकुमार दोउ जन सूर किरिन कुम्हलात।
देखि मनोहर तीनौं मूरति त्रिबिध ताप तन जात॥

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

सफला एकादशी

सोमवार, 15 दिसम्बर 2025

सफला एकादशी
गुरु गोविंद सिंह जयंती

शनिवार, 27 दिसम्बर 2025

गुरु गोविंद सिंह जयंती
पौष पूर्णिमा

शनिवार, 03 जनवरी 2026

पौष पूर्णिमा
षटतिला एकादशी

बुधवार, 14 जनवरी 2026

षटतिला एकादशी
मकर संक्रांति

बुधवार, 14 जनवरी 2026

मकर संक्रांति
जया एकादशी

सोमवार, 26 जनवरी 2026

जया एकादशी

संग्रह