चलो रे खाटू की नगरी

चलो रे खाटू की नगरी ,जहां पे रहता बाबा श्याम है-2

हारे का सहारा है वो ,हारे का सहारा है वो,
जग में उसका नाम है,
चलो रे खाटू की नगरी ,
जहां पे रहता बाबा श्याम है…..

सुंदर मुखड़ा श्यामा का, बड़ा ही प्यारा लगता है,
सारी दुनिया फीकी लागे, जब मेरा बाबा सजता है,
दिल से पुकारे श्याम को जो-2,बनाता उसके काम है।
चलो रे खाटू की…..

सेठों का सेठ है ये , लखदातार कहलाता है,
शीश का दानी बाबा मेरा , बिगड़ी बात बनाता है ,
अंदाज है बाबा का निराला ,इसकी क्या ही बात है,
चलो रे खाटू की…..

कृष्णा खन्ना ने गुण गाके , बाबा को रिझाया है
है लाडला खाटू वाले का , भजन रजत से लिखवाया है
जिसे हारे का सहारा कहते ,वो मेरा बाबा श्याम है,
चलो रे खाटू की…..

चलो रे खाटू की नगरी ,
जहां पे रहता बाबा श्याम है
हारे का सहारा है वो-2
जग में उसका नाम है
चलो रे खाटू की नगरी ,
जहां पे रहता बाबा श्याम है…..।

Author: Unknown Claim credit

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