खाटू वाले श्याम धनि मने चस्का एक तेरी यारी का,
ना ते मने चेतक चाहिए जी ना ही चस्का लाल फर्रारी का,
मैं सीधा साधा जाट सु बाबा तने मिलन आया सु,
ना माँगन ताहि आया बाबा दर्शन खातिर आया सु,
तू बिन बोले ही देदे है सुन रखाया है दिल दारी का,
ना ते मने चेतक चाहिए जी ना ही चस्का लाल फर्रारी का,
मेरे खेत में तेरी रेट में कोई घना फर्क न हो रा से,
मेरा खेत तेरा रेट दोनों बाबा हरा भरा ही हो रहा से,
ना कर्जा कर मने कमाना इजात दरी का,
ना ते मने चेतक चाहिए जी ना ही चस्का लाल फर्रारी का,
तेरे खातिर थोड़ी मिठाई बाबा घर से लेकर आया हु,
घर का बेसन और देसी घी मिलवा कर लाया सु,
भोग लगा ले मेरे सांवरियां मने मजा सा आ जाये यारी का,
ना ते मने चेतक चाहिए जी ना ही चस्का लाल फर्रारी का,
तेरे दर्शन करके यु लगाया जैसे गंगा जी में नहा लिया जी,
मित्तल के संग जाके बाबा हारे हारे गा लिया जी,
के करना मैं इब बाबा इस झूठी यारी का,
ना ते मने चेतक चाहिए जी ना ही चस्का लाल फर्रारी का,
Author: Kanhaiya Lal mittal