ओ शनि देव

सुनोगे तुमको तो सुनाऊंगा,
दिल की ये सारी बात,
ओ शनि देव…..

बन के जोगी तुम आये नन्द गांव,
रिद्धि सिद्धि तब बैठ पीपल की छाव,
खुश होकर कृष्ण ने, कोयल बन दर्शन,
धाम बना कैलाश, कष्ट हरे भगवन,
ओ शनि देव…..

श्रद्धा भक्ति से आये जो सिद्ध धाम,
किरपा करे सब पर, होते पूर्ण काम,
करे सेवा कोई तन से जो भी,
पल में धूल जाए पाप, ना होती देरी,
ओ शनि देव…..

आया सजन दर पे, लेकर मन की आस,
सफल करो प्रभु, जीवन की हर सास,
जो भी दर पे आये वो फल पाए,
कुदृष्टि का प्रकोप, पल में हो जाये अलोप,
ओ शनि देव…..

Author: Unknown Claim credit

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