जयपुर का सुनियारा जी,
मने श्याम धणी ने सजाना है,
पैसे का कोई सवाल नही,
सोने का मुकुट चढ़ाना हैं।

जयपुर का सुनियारा जी,
मने श्याम धणी ने सजाना हैं,
पैसे का कोई सवाल नही,
सोने का मुकुट चढ़ाना हैं।

मुकुट बनादे ऐसा प्यारे,
देखते रहजाये देखने वाले,
मुकुट बनादे ऐसा प्यारे,

देखते रहजाये देखने वाले,

समय मैं दु तुजे दसम्य तक,
ग्यारस ने मनें चढ़ाना हैं,
जयपुर का सुनियारा जी,
मने श्याम धणी ने सजाना हैं।

मैने एक भगत को व्यथा सुनाई,
उसने श्याम की कथा सुनाई,
मैने एक भगत को कथा सुनाई,
उसने श्याम की कथा सुनाई,

बोला सच्चे मन से ध्यान लगा,
काम तेरा बन जाना है।

जयपुर का सुनियारा जी,
मने श्याम धणी ने सजाना हैं,
पैसे का कोई सवाल नही,
सोने का मुकुट चढ़ाना हैं

( सुनार कहने लगा सोना बहुत महंगा है चांदी का मुकुट चढ़ा दे,
तो फ्रेंड बोला चढ़ाने तो चांदी का ही आया था,
तो सुन सोने का क्यों चढ़ा रहा हूँ,)

चांदी का मुकुट म बोल के आया,
मेरा सोने जैसा काम बनाया,
चांदी का मुकुट म बोल के आया,
मेरा सोने जैसा काम बनाया,

जब सोने जैसा काम किया,
तो सोने जैसा मुकुट चढ़ाना है।

जयपुर का सुनियारा जी,
मने श्याम धणी ने सजाना है,
पैसे का कोई सवाल नही,
सोने का मुकुट चढ़ाना हैं।

( सुनार बोला भई मैं भी साथ चलूँगा,
ओर वो भी बाबा का दीवाना हो गया। )

सुनियारा भी साथ होलिया,
संवारिये ने मन को मोलिया,
सुनियारा भी साथ होलिया,
संवारिये ने मन को मोलिया,

मित्तल मेरे खाटु वाले का,
कोई जगत में दीवाना है,

जयपुर का सुनियारा जी,
मने श्याम धणी ने सजाना है,
पैसे का कोई सवाल नही,
सोने का मुकुट चढ़ाना हैं।

जयपुर का सुनियारा जी,
मने श्याम धणी ने सजाना है,
पैसे का कोई सवाल नही,
सोने का मुकुट चढ़ाना हैं।

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