दोहा – चाहे छुट जाये ज़माना,
या माल-ओ-जर छूटे,
ये महल और अटारी,
या मेरा घर छूटे,
पर कहता है शर्मा,
ऐ श्याम बाबा,
सब जगत छूटे,
पर आपका ना द्वार छूटे।

कभी तेरी चौखट ना छोड़ेंगे हम,
चले लाख दुःख की आंधी,
चले लाख दुःख की आंधी,
या तूफाने गम,
कभी तेरी चौखट ना छोड़ेंगे हम ||

सदा तेरी सेवा बजाते रहेंगे,
तेरा नाम श्याम बाबा गाते रहेंगे,
चाहे लाख ढाहे कोई,
चाहे लाख ढाहे कोई,
हमपे सितम,
कभी तेरी चौखट ना छोड़ेंगे हम ||

तमन्ना यही है की,
दरश तेरा पा ले,
ये मानव जनम को,
सफल हम बना ले,
मिले ना मिले फिर ये,
मिले ना मिले फिर ये,
मानव जनम,
कभी तेरी चौखट ना छोड़ेंगे हम ||

मैं सेवा में तेरी,
करूँ खुद को अर्पण,
तेरा नाम गाउँ,
हैं जब तक ये जीवन,
निकल जाए फिर ये तेरे,
निकल जाए फिर ये तेरे,
चरणों में दम,
कभी तेरी चौखट ना छोड़ेंगे हम ||

कभी तेरा चौखट ना छोड़ेंगे हम,
चले लाख दुःख की आंधी,
चले लाख दुःख की आंधी,
या तूफाने गम,
कभी तेरी चौखट ना छोड़ेंगे हम ||

Author: Lakhbir Singh Lakkha

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

कालभैरव जयंती

शुक्रवार, 22 नवम्बर 2024

कालभैरव जयंती
उत्पन्ना एकादशी

मंगलवार, 26 नवम्बर 2024

उत्पन्ना एकादशी
मासिक शिवरात्रि

शुक्रवार, 29 नवम्बर 2024

मासिक शिवरात्रि
गीता जयंती

बुधवार, 11 दिसम्बर 2024

गीता जयंती
मोक्षदा एकादशी

बुधवार, 11 दिसम्बर 2024

मोक्षदा एकादशी
दत्तात्रेय जयंती

शनिवार, 14 दिसम्बर 2024

दत्तात्रेय जयंती

संग्रह