म्हारे सिर पर है,
बाबा जी रो हाथ,
खाटु वाले रो हाथ,
कोई तो म्हारो कई करसी ||
जे कोई म्हारे श्याम धणी ने,
साँचे मन से ध्यावे
काल कपाल भी साँवरिये के,
भगता से घबरावे,
जे कोई पकड़्यो है,
बाबा जी रो हाँथ
कोई तो बाको कई करसी,
म्हारे सिर पर हैं,
बाबा जी रो हाथ,
कोई तो म्हारो कई करसी ||
जो आपे बिस्वास करे वो,
खूंटी ताण के सोवे,
बठे प्रवेश करे ना कोई,
बाल ना बांको होवे,
जाके मन में नहीं है विस्वास,
बाको तो बाबो कई करसी,
म्हारे सिर पर हैं,
बाबा जी रो हाथ,
कोई तो म्हारो कई करसी ||
कलयुग को यो देव बड़ो,
दुनिया में नाम कमायो,
जद जद भीड़ पड़ी भगता पर,
दौड्यो दौड्यो आयो,
यो तो घट घट की जाणे सारी बात,
कोई तो म्हारो कई करसी,
म्हारे सिर पर हैं,
बाबा जी रो हाथ,
कोई तो म्हारो कई करसी ||
म्हारे सिर पर है,
बाबा जी रो हाथ,
खाटु वाले रो हाथ,
कोई तो म्हारो कई करसी ||
Author: Sanju Sharma