आ गया मैं दुनियांदारी, सारी बाबा छोड़ के,

लेने आजा खाटू वाले, रींगस के उस मोड़ पै,

लेने आजा खाटू वाले, रींगस के उस मोड़ पै।

हार गया मैं इस दुनियां से, अब तो मुझको थाम ले,

कहा मुझे किसी श्याम भगत ने, बाबा का तू नाम ले,

अपने पराए छोड़ गए सब, दिल मेरा ये तोड़ के,

लेने आजा खाटू वाले, रींगस के उस मोड़ पै।

तीन बाण के कलाधारी, कला मुझे भी दिखा दे तू,

जैसे दर्शन सबको देता, वैसे मुझे करा दे तू,

अब मैं खड़ा हूँ द्वार तुम्हारे, दोनों हाथ जोड़ के,

लेने आजा खाटू वाले, रींगस के उस मोड़ पै।

मैं ना जानूँ पूजा अर्चन, तुझको अपना मान लिया,

तू ही दौलत तू ही शौहरत, इतना बाबा जान लिया,

अपना बना ले इस मित्तल को, दिल को दिल से जोड़ के,

लेने आजा खाटू वाले, रींगस के उस मोड़ पै।

मुझको है विश्वास मुझे तू, इक दिन बाबा तारेगा,

तुझ पे भरोसा करने वाला, जग में कभी ना हारेगा,

जिनपे किया भरोसा मैंने, छोड़ गए वो रोड़ पे,

लेने आजा खाटू वाले, रींगस के उस मोड़ पै।

आ गया मैं दुनियादारी, सारी बाबा छोड़ के,

लेके आजा खाटू वाले, रींगस के उस मोड़ पे,

लेने आजा खाटू वाले, रींगस के उस मोड़ पै।

Author: Kanhaiya Lal mittal

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

कालभैरव जयंती

शुक्रवार, 22 नवम्बर 2024

कालभैरव जयंती
उत्पन्ना एकादशी

मंगलवार, 26 नवम्बर 2024

उत्पन्ना एकादशी
मासिक शिवरात्रि

शुक्रवार, 29 नवम्बर 2024

मासिक शिवरात्रि
गीता जयंती

बुधवार, 11 दिसम्बर 2024

गीता जयंती
मोक्षदा एकादशी

बुधवार, 11 दिसम्बर 2024

मोक्षदा एकादशी
दत्तात्रेय जयंती

शनिवार, 14 दिसम्बर 2024

दत्तात्रेय जयंती

संग्रह