हाथों में प्रसाद है मेरे बाबा तुम्हारा ,मेरे बाबा तुम्हारा।

कैसे पढ़ूं मैं चरण तिहारे सोच सोच के हारा।

हाथों में प्रसाद है मेरे बाबा तुम्हारा

हाथों में प्रसाद है मेरे बाबा तुम्हारा

ऐसे ही बस सांवरे मुझको गले लगाओ।

मेरे हाथ गीले हैं गोदी मुझे उठाओ।

ऐसे ही बस सांवरे मुझको गले लगाओ।

मेरे हाथ गीले हैं गोदी मुझे उठाओ।

थोड़ा सा मुझे प्यार दे दो अपने हाथों द्वारा।

हाथों में प्रसाद है मेरे बाबा तुम्हारा।

हाथों में प्रसाद है मेरे बाबा तुम्हारा।

क्यों तुम हंस रहे हो इतना मुझे बताओ।

लखदातार हो बाबा इतना ना तरसाओ।

क्यों तुम हंस रहे हो इतना मुझे बताओ।

लखदातार हो बाबा इतना ना तरसाओ।

करो ना व्याकुल बहने लगेगी आंखों से आंसू धारा।

हाथों में प्रसाद है मेरे बाबा तुम्हारा।

हाथों में प्रसाद है मेरे बाबा तुम्हारा।

मैं मोहन तुम श्याम है फिर क्यों लीला करता।

गले लगा कर मुझको क्यों ना दुखड़े हरता।

में मोहन तुम श्याम है फिर क्यों लीला करता।

गले लगा कर मुझको क्यों ना दुखड़े हरता।

दे दो बाबा मैं भी पा लूं जीवन का सुख सारा।

हाथों में प्रसाद है मेरे बाबा तुम्हारा।

हाथों में प्रसाद है मेरे बाबा तुम्हारा।

Author: Khushboo Radha

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

गीता जयंती

बुधवार, 11 दिसम्बर 2024

गीता जयंती
मोक्षदा एकादशी

बुधवार, 11 दिसम्बर 2024

मोक्षदा एकादशी
दत्तात्रेय जयंती

शनिवार, 14 दिसम्बर 2024

दत्तात्रेय जयंती
अन्नपूर्णा जयन्ती

रविवार, 15 दिसम्बर 2024

अन्नपूर्णा जयन्ती
मार्गशीर्ष पूर्णिमा

रविवार, 15 दिसम्बर 2024

मार्गशीर्ष पूर्णिमा
संकष्टी चतुर्थी

बुधवार, 18 दिसम्बर 2024

संकष्टी चतुर्थी

संग्रह