सारे जगत में श्याम सा कोई नहीं।
कोई नहीं,कोई नहीं,कोई नहीं,कोई नहीं।
इसके जैसा पालनहारा कोई नहीं कोई नहीं।
कोई बात बनती नहीं जो श्याम प्यारा बनाता उसी को।
चाहे छोटा है चाहे बड़ा हो प्यार करता है यह हर किसी को।
साथ हारे हुए का निभाता है यह। पल में रोते हुए को हंसाता है यह।
सेठ सांवरिया के काम सा कोई नहीं कोई नहीं।
सारे जगत में श्याम सा कोई नहीं।
कोई नहीं,कोई नहीं,कोई नहीं,कोई नहीं।
इसके जैसा पालनहारा कोई नहीं कोई नहीं।
मेरा श्याम है दानी गजब का इसकी घर घर में होती है पूजा।
यह देता है मांगे बिना ही इसके जैसा देव न दूजा।
राहे भटके हुए को दिखाता है यह।
डूबी कश्ती को साहिल पर लाता है यह।
कलयुग में इसके नाम सा कोई नहीं कोई नहीं।
सारे जगत में श्याम सा कोई नहीं।
कोई नहीं,कोई नहीं,कोई नहीं,कोई नहीं।
इसके जैसा पालनहारा कोई नहीं कोई नहीं।
इसके सर पर सजी मोरपंखी और नीले की करता सवारी।
किसका बजता है दुनिया में डंका कहलाता है तीन बाण धारी।
मोरवी मां के नैनो का तारा है यह।
अपने भक्तों को प्राणों से प्यारा है यह।
इसके भजन के जाम सा कोई नहीं कोई नहीं।
सारे जगत में श्याम सा कोई नहीं।
कोई नहीं,कोई नहीं,कोई नहीं,कोई नहीं।
इसके जैसा पालनहारा कोई नहीं कोई नहीं।
मेरे श्याम जैसी इनायत दो जहां में कहीं भी नहीं है।
हमें होती है जिसकी जरूरत यह देता भी हमको वही है।
नामुमकिन को मुमकिन करता है यही।
बात कहता है एकदम अनाड़ी सही।
खाटू नगरिया धाम सा कोई नहीं कोई नहीं।
सारे जगत में श्याम सा कोई नहीं।
कोई नहीं,कोई नहीं,कोई नहीं,कोई नहीं।
इसके जैसा पालनहारा कोई नहीं कोई नहीं।
Author: Ram Kumar Lakha