सावन का महीना आया है बहार के लिए

तर्ज – दिल दीवाने का डोला

सावन का महीना आया है,
बहार के लिए,
डलवाया झूला हमने,
लखदातार के लिए…..

रिमझिम बरसे है घटायें,
बागो की मस्त छटाएँ,
इस ऋतू में आप जो आए,
हम सारी खुशियां पाएं,
मेरा तन मन तरस रहा है,
उस प्यार के लिए,
डलवाया झूला हमने,
लखदातार के लिए…..

जब झूले पर बैठेंगे,
ये सब लोग बलैया लेंगे,
हम प्यार से झोटा देंगे,
बस एक ही बात कहेंगे,
तेरा लहरी तरस रहा है,
उध्द्दार के लिए,
डलवाया झूला हमने,
लखदातार के लिए……

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

कामिका एकादशी

सोमवार, 21 जुलाई 2025

कामिका एकादशी
पुत्रदा एकादशी

मंगलवार, 05 अगस्त 2025

पुत्रदा एकादशी
रक्षा बन्धन

शनिवार, 09 अगस्त 2025

रक्षा बन्धन
श्रावण पूर्णिमा

शनिवार, 09 अगस्त 2025

श्रावण पूर्णिमा
कृष्ण जन्माष्टमी

शनिवार, 16 अगस्त 2025

कृष्ण जन्माष्टमी
अजा एकादशी

मंगलवार, 19 अगस्त 2025

अजा एकादशी

संग्रह