तर्ज – प्रेम रतन धन पायो

दीवानी मैं श्याम की,
मुरली के तान की,
बाजी जो मुरलिया ऐसी,
सुध नहीं प्राण की,
भायो रे भायो रे भायो रे,
भायो रे भायो रे भायो रे,
श्याम रंग मन भायो,
श्याम रंग मन भायो मेरे,
श्याम तन मन छायो,
श्याम रंग मन भायो मेरे…..

श्याम पिया की बन के जोगनिया,
रंग गयी उस रंग में,
जग संसार निगोडा लागे,
श्याम बसे अंग में,
राधा के संग में,
मस्तानी मैं श्याम की,
राधे कृष्णा नाम की,
सावरी सलोनी सूरत,
मेरे घनश्याम की,
भायो रे भायो रे भायो रे,
भायो रे भायो रे भायो रे,
श्याम रंग मन भायो,
श्याम रँग मन भायो,
श्याम तन मन छायो,
श्याम रंग मन भायो मेरे……

श्याम ही तन में,
श्याम ही मन में,
श्याम ही जीवन में,
श्याम की धुन में,
छम छम नाचू,
बावरिया बन के,
पायलिया खनके,
मतवारी मैं श्याम की,
माला हरी नाम की,
गले में विराजू जैसे,
झटा गूँज माल की,
भायो रे भायो रे भायो रे,
भायो रे भायो रे भायो रे,
श्याम रंग मन भायो,
श्याम रँग मन भायो,
श्याम तन मन छायो,
श्याम रँग मन भायो मेरे…….

याद में तेरी ओ साँवरिया,
दिन बीते और रैन,
प्यास बुझेगी कब इस मन की,
कब आएगा चैन,
बरसत तुम बिन नैन,
श्याम मेरा यार है,
श्याम दिलदार है,
आँधी किसी लाकड़ी का,
श्याम आधार है,
भायो रे भायो रे भायो रे,
भायो रे भायो रे भायो रे,
श्याम रँग मन भायो,
श्याम रँग मन भायो,
श्याम तन मन छायो,
श्याम रँग मन भायो मेरे…..

ना जप जानू,
ना तप जानू,
ना भक्ति का मोल,
मेरे गिरिधर,
मैं गिरिधर की,
बात जया अनमोल,
सांवरिया कुछ बोल,
सांवरे का साथ है,
सांवरे का हाथ है,
मेरे सा दीन कोई,
वो दीनो का नाथ है,
भायो रे भायो रे भायो रे,
भायो रे भायो रे भायो रे,
श्याम रंग मन भायो,
श्याम रँग मन भायो,
श्याम तन मन छायो,
श्याम रँग मन भायो मेरे….

Author: जया किशोरी जी

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