बृज की रज में लोट कर यमुना जल कर पान
श्री राधा राधा रटते या तन सों निकले प्राण
किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाये

हो जुबां पे राधा राधा राधा नाम हो जाये
गर तुम ना करोगी तो कृपा कौन करेगा
गर तुम ना सुनोगी तो मेरी कौन सुनेगा
किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाये
हो जुबां पे राधा राधा राधा नाम हो जाये

डोलत फिरत मुख बोलत मैं राधे राधे
और जग जालन के ख्यालन से हट रे
जागत सोवत पग जोवत में राधे राधे
रट राधे राधे त्याग उरते कपट रे

लाल बलबीर धर धीर रट राधे राधे
हरे कोटि बाधे रट राधे झटपट रे
ऐ रे मन मेरे तू छोड़ के झमेले सब
रट राधे रट राधे राधे रट रे
श्री राधे श्री राधे राधे श्री राधे
श्री राधे श्री राधे श्री राधे श्री राधे….

श्री राधे इतनी कृपा तुम्हारी हम पे हो जाये

किसी का नाम लूँ जुबां पे तुम्हारा नाम आये
वो दिन भी आये तेरे वृन्दावन आये हम
तुम्हारे चरणों में अपने सर को झुकाये हम
ब्रज गलियों में झूमें नाचें गाएं हम
मेरी सारी उम्र वृन्दावन में तमाम हो जाये
किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाये
जुबां पे राधा राधा राधा नाम हो जाये

वृन्दावन के वृक्ष को
मर्म ना जाने कोई
डार डार और पात पात पे
श्री श्री राधे राधे होय
श्री राधे श्री राधे राधे श्री राधे
श्री राधे श्री राधे श्री राधे श्री राधे….
अरमान मेरे दिल का मिटा क्यूँ नहीं देती
हो सरकार वृन्दावन में बुला क्यूँ नहीं लेती
दीदार भी होता रहे हर वक्त बार बार
हो चरणों में अपने हमको बिठा क्यूँ नहीं लेती
किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाये
हो जुबां पे राधा राधा राधा नाम हो जाये

श्री वृन्दावन वास मिले
अब यही हमारी आशा है
यमुना तट छांव कुंजन की
हो जहाँ रसिकों का वासा है
सेवा कुञ्ज मनोहर निधि वन
जहाँ इक रस बारो मासा है
ललिता किशोरी अब यह दिल बस
उस युगल रूप का प्यासा है
किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाये
हो जुबां पे राधा राधा राधा नाम हो जाये
श्री राधे श्री राधे राधे श्री राधे
श्री राधे श्री राधे श्री राधे श्री राधे….
राधे, राधे, राधे, राधे………
मैं तो आई वृन्दावन धाम
किशोरी तेरे चरनन में

Author: Unkonow Claim credit

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