श्याम तोसे प्रीत लगायी रे, श्याम तोसे प्रीत लगायी रे
मैं तोह श्याम तेरी ही दीवानी, मैं तोह श्याम तेरी ही दीवानी
क्यों तूने भुलाई रे, श्याम तोसे प्रीत लगायी रे
श्याम तोसे प्रीत लगायी रे, श्याम तोसे प्रीत लगायी रे
नित उठ तेरी छवि निहारु, तेरी भवन में झाड़ू भाहरु
पल पल मैं तुझको ही पुकारू, सुबहे शाम तेरी नज़रे उतारू
तेरी चरणों में जीवन बितौ, तेरी चरणों में जीवन बितौ
कर दो सुनाई रे, श्याम तोसे प्रीत लगायी रे
हर सत्संग कीर्तन में जाऊ, मीरा बन के तुझको रिझाऊ
तेरे नाम की रतनी लागू हर पल तुझको भूल न पाव
कैसे मेरे मन को समझाऊ कृष्ण कन्हाई रे
श्याम तोसे प्रीत लगायी रे, श्याम तोसे प्रीत लगायी रे
कण कण में नारायण तू दीखता रोम-रोम में तू ही दीखता
मुझको बता दो आकर रास्ता सब कहते है पालनहर्ता
सुनील शर्मा तुझको ही भजता सुनील शर्मा तुझको ही भजता
क्यों देर लगायी रे, श्याम तोसे प्रीत लगायी रे
श्याम तोसे प्रीत लगायी रे,श्याम तोसे प्रीत लगायी रे,
Author: Sunil Sharma