तुम ही श्याम अपने सगरे पराये,
काम पड़ा तो तुम्ही श्याम आये,
कहते थे खुद को जो जीवन के संगी,
बदले गा जमाना बदले गये ना कभी,
भागे जुरेन भागे सूरज उगाहे,
काम पड़ा तो तुम्ही काम आये,
तुम ही श्याम अपने…….
दुनिया के मेले में तुमको भुलाया,
कभी नाम तेरा जुबा पे ना लाया,
फिर भी पुकार सुन तुम दोह्ड़े आये,
काम पड़ा तो तुम्ही काम आये,
तुम ही श्याम अपने…….
अच्छा हुआ जो बुरा वक़्त आया,
अपने पराये को मैं जान पाया,
टुटा बरम चलो गंगा नहाये,
काम पड़ा तो तुम्ही काम आये,
तुम ही श्याम अपने…….
अनमोल है तेरी दया के फसाने,
तू हा अजब तेरे अजब है दीवाने,
नंदू दीवानों के संग अलख जगाये,
काम पड़ा तो तुम्ही काम आये,
तुम ही श्याम अपने…….
Author: Kumar Vishu