(संकीर्तन धुन पर)
आज है राधा अष्टमी आई,
बरसाने में जगह जगह पर, देवें रसिक दिखाई।।
बजे ढोल डफ बीण सारंगी,बाज रही शहिनाई।
रावल प्रक्टी कमल किशोरी,घर घर बजे बधाई।।
आज है राधा…
उंची महल अटारी भानुं, ब्रह्मांचल बनवाई।
बाजों गाजों के संग राधा, महल अटारी आई।।
आज है राधा…
कहै “मधुप” हरि-संगिनी राधा, गोलोक से आई।
संत भगत जन नाचें गावें, मंगल गीत बधाई।।
आज है राधा…
ब्रज के कण कण,ब्रजरज,ब्रजरस,राधा आन समाई।
ब्रज में राधा राधा नाम धुन, देवे गूंज सुनाई।।
आज है राधा…
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