बैकुंठ में रहकर गिरधारी मुरली का बजना भूल गए

बैकुंठ में रहकर गिरधारी मुरली का बजना भूल गए

बैकुंठ में रहकर गिरधारी मुरली का बजाना भूल गए
मुरली का बजाना भूल गए 2
बैकुंठ में रहकर गिरधारी मुरली का बजाना भूल गए

ये अर्जुन तुम्हें बुलाता है क्या तीर चलाना भूल गए
ये दुनिया हम पर हंसती है क्या फर्ज निभाना भूल गए
बैकुंठ में रहकर गिरधारी मुरली का बजाना भूल गए

ये द्रोपती तुम्हें बुलाती है क्या चीर बढ़ाना भूल गए
ये लाज हमारी जाती है क्या शर्म बचाना भूल गए
बैकुंठ में रहकर गिरधारी मुरली का बजाना भूल गए

ये ग्वाले तुम्हें बुलाते हैं क्या गउए चराना भूल गए
यह गउए तुम्हें बुलाती है क्या बंसी बजाना भूल गए
बैकुंठ में रहकर गिरधारी मुरली का बजाना भूल गए

Author: Guru Ashish

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

छठ पूजा

मंगलवार, 28 अक्टूबर 2025

छठ पूजा
कार्तिक पूर्णिमा

बुधवार, 05 नवम्बर 2025

कार्तिक पूर्णिमा
उत्पन्ना एकादशी

शनिवार, 15 नवम्बर 2025

उत्पन्ना एकादशी
मोक्षदा एकादशी

सोमवार, 01 दिसम्बर 2025

मोक्षदा एकादशी
मार्गशीर्ष पूर्णिमा

गुरूवार, 04 दिसम्बर 2025

मार्गशीर्ष पूर्णिमा
सफला एकादशी

सोमवार, 15 दिसम्बर 2025

सफला एकादशी

संग्रह