ब्रज में हो रही जय जयकार।
प्रकट भए बांके बिहारी लाल।।
स्वामी श्री हरिदास दुलारा। श्याम सिलोना बड़ा प्यारा।।
मधुर सुकोमल अंग रसीले, सुन्दर रूप रसाल।ब्रज में.
ब्रज में हो रही…………
निधिवन बरस रहे आनंदघन। छाया हर्षोल्लास वृंदावन।।
महक रहीं निकुंज लताएं, भंवर करें गुंजार।
ब्रज में हो रही…………
अनहद बाजे बाज रहे हैं। संत भगत जन नाच रहे हैं।।
मंगल गीत बधाईयां गांवे, झूम रहे नर नार।
ब्रज में हो रही…………
श्याम कुंज बिहारी जय जय। बांके बिहार लाल की जय जय।।
‘‘मधुप’’ आज प्रक्टै हैं ब्रज में, ब्रजमंडल सरकार।
ब्रज में हो रही…………।
Author: Unknown Claim credit