दुख हरो द्वारिकानाथ शरण मैं तेरी

दुख हरो द्वारिकानाथ शरण मैं तेरी

तुम कहाँ छुपे भगवान करो मत देरी,
दुःख हरो द्वारकानाथ शरण मैं तेरी ।
दुख हरो द्वारिकानाथ शरण मैं तेरी ।।

यही सुना है दीनबन्धु तुम सबका दुख हर लेते,
जो निराश हैं उनकी झोली आशा से भर देते ।
अगर सुदामा होता मैं तो दौड़ द्वारका आता,
पाँव आँसुओं से धो कर मैं मन की आग बुझाता ।
तुम बनो नहीं अनजा सुनो भगवान करो मत देरी ।।

दुःख हरो द्वारकानाथ शरण मैं तेरी ।
दुख हरो द्वारिकानाथ शरण मैं तेरी ।।

जो भी शरण तुम्हारी आता, उसको धीर बंधाते,
नहीं डूबने देते दाता नैया पार लगाते ।
तुम न सुनोगे तो किसको मैं अपनी व्यथा सुनाऊँ,
द्वार तुम्हारा छोड़ के भगवन और कहाँ मैं जाऊँ ।
प्रभु कब से रहा पुकार मैं तेरे द्वार करो मत देरी ।।

दुःख हरो द्वारकानाथ शरण मैं तेरी ।
दुख हरो द्वारिकानाथ शरण मैं तेरी ।।

Author: मुकेश जी

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

हरतालिका तीज

मंगलवार, 26 अगस्त 2025

हरतालिका तीज
गणेश चतुर्थी

बुधवार, 27 अगस्त 2025

गणेश चतुर्थी
परिवर्तिनी एकादशी

बुधवार, 03 सितम्बर 2025

परिवर्तिनी एकादशी
ओणम / थिरुवोणम

शुक्रवार, 05 सितम्बर 2025

ओणम / थिरुवोणम
अनंत चतुर्दशी

शनिवार, 06 सितम्बर 2025

अनंत चतुर्दशी
भाद्रपद पूर्णिमा

रविवार, 07 सितम्बर 2025

भाद्रपद पूर्णिमा

संग्रह