करना फकीरी फिर क्या दिलगिरी
सदा मगन में रेहना जी
कोई दिन हाथी ने कोई दिन घोड़ा
कोई दिन पैदल चलना जी
करना फकीरी फिर क्या दिलगिरी
सदा मगन में रेहना जी
कोई दिन हाथी ने कोई दिन घोड़ा
कोई दिन हाथी ने कोई दिन घोड़ा
कोई दिन पैदल चलना जी
कैसा भी हो वक़्त मुसाफिर

कैसा भी हो वक़्त मुसाफिर
पल भर न घबराना जी
कोई दिन लाडु ने कोई दिन पैदा
कोई दिन लाडु ने कोई दिन पैदा
कोई दिन फाकम फाका जी
करना फकीरी फिर क्या दिलगिरी
सदा मगन में रेहना जी
कोई दिन हाथी ने कोई दिन घोड़ा
कोई दिन पैदल चलना जी

कोई फर्क नहीं होता है
राजा और भिकारी में
कोई फर्क नहीं होता है
राजा और भिकारी में
दोनों की साँसें काटीं हैं
समय की तेज़ क़तारी ने
अपनी ही रफ़्तार से हरदम
अपनी ही रफ़्तार से हरदम
काल का पहिया चलता जी
कोई दिन मेहला ने कोई दिन सेजां
कोई दिन मेहला ने कोई दिन सेजां
कोई दिन ख़ाक बिछौना जी
करना फकीरी फिर क्या दिलगिरी
सदा मगन में रेहना जी
कोई दिन हाथी ने कोई दिन घोड़ा
कोई दिन पैदल चलना जी

माँ से अच्छा कुछ न होता
माँ तू ही परमेश्वर है
माँ से अच्छा कुछ न होता
माँ तू ही परमेश्वर है
हर डैम मेरे मन मन्दिर में
तेरी ज्योत उजागर है
सब रिश्ते नाते झूठे हैं

सब रिश्ते नाते झूठे हैं
माँ का प्यार ही सच्चा जी
कोई दिन भैय्या ने कोई दिन बेहना
कोई दिन भैय्या ने कोई दिन बेहना
सब दिन माँ की ममता जी
करना फकीरी फिर क्या दिलगिरी
सदा मगन में रेहना जी
कोई दिन हाथी ने कोई दिन घोड़ा
कोई दिन पैदल चलना जी

कुछ भी पाये गर्व न करियो
दुनिया आणि जानी है
कुछ भी पाये गर्व न करियो
दुनिया आणि जानी है
तेरे साथ जहां से तेरी
परछाई भी जानी है
सब को अपना प्यार बांटना

सब को अपना प्यार बांटना
मीठा बोल बोलना जी
कोई दिन मेला ने कोई दिन अकेला
कोई दिन मेला ने कोई दिन अकेला
कोई दिन ख़त्म झमेला जी
करना फकीरी फाई क्या दिलगिरी
सदा मगन में रेहना जी
कोई दिन हाथी ने कोई दिन घोड़ा
कोई दिन हाथी ने कोई दिन घोड़ा
कोई दिन पैदल चलना जी

करना फकीरी फाई क्या दिलगिरी
सदा मगन में रेहना जी
कोई दिन हाथी ने कोई दिन घोड़ा
कोई दिन पैदल चलना जी
अपलोड- रवि सेन नरसिंहगढ़ “पांजरी”

Author: Unknown Claim credit

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