गिरिराज धरण की जय ,ना कोई चिंता ना कोई भय

गिरिराज धरण की जय ,ना कोई चिंता ना कोई भय -2
गिरिराज धरण की जय ,ना कोई चिंता ना कोई भय।

दर्शन परसन और परिक्रमा-2 ,
अद्भुत गोवर्धन की गरिमा -2
महिमा अवर्णीय है-ना कोई चिंता ना कोई भय-2
गिरिराज धरण की जय ,ना कोई चिंता ना कोई भय।

गोवर्धन है देव हमारो,ब्रज रक्षक है पालनहारो। -2
ब्रजदेव हरे सब भय-2,ना कोई चिंता ना कोई भय-2
गिरिराज धरण की जय ,ना कोई चिंता ना कोई भय।

नंदनंदन गिरिराज उठायो ,ब्रज को छप्पन भोग लगायो -2
इंद्रदेव शरण पड़यो है-2,ना कोई चिंता ना कोई भय-2
गिरिराज धरण की जय ,ना कोई चिंता ना कोई भय।

‘‘मधुप’’ गोवर्धन के गुण गाओ ,फल चारों गिरिराज से पाओ-2
ये बात सर्वसिद्ध है ,ना कोई चिंता ना कोई भय-2
गिरिराज धरण की जय ,ना कोई चिंता ना कोई भय।

ना कोई चिंता ना कोई भय-4 ।

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