होली खेले चांदनी रात कान्हा बरसाने मैं आइये,
बरसाने मैं आइये कान्हा बरसाने मैं आइये…….
कोठे बढ़ के बाट निहारूं तेरे लिए मैं रूप सिंगारू,
खेले ले हाथों में हाथ कान्हा बरसाने मैं आइये,
होली खेले चांदनी रात कान्हा बरसाने मैं आइये……..
भर सोने का थाल जिमाऊँ पास बैठ के प्रेम जताऊँ,
कर ल्यूं रज रज के मैं बात कान्हा बरसाने मैं आइये,
होली खेले चांदनी रात कान्हा बरसाने मैं आइये……..
कुंज गली मैं फाग मचेगा संग खेलना खूब जचेगा,
सारी सखियाँ होगी साथ कान्हा बरसाने मैं आइये,
होली खेले चांदनी रात कान्हा बरसाने मैं आइये……..
कमल सिंह फागण मस्ताना राधा दीवानी श्याम दीवाना,
होगी रंगों की बरसात कान्हा बरसाने मैं आइये,
होली खेले चांदनी रात कान्हा बरसाने मैं आइये……..
Author: Unknown Claim credit