जादू भरी तेरी आँखें जिधर गयी ,
घायल करके जिग़र में उतर गयी -3
निरख छटा घनघोर घटा -2
सावनां सी उमड़ गयी ,
घायल करके जिगर में उतर गयी -2
जादू भरी तेरी…..
प्रेम की लरी अरी दृग दोनों,
बरस परी मोती सी बिखर गई -2
जादू भरी तेरी आँखें जिधर गयी ,
घायल करके जिग़र में उतर गयी -3
कि इक कंकड़ी नैन पड़े,तो नैन होत बेचैन,-2
तो उन नैनन में चैन कहां,जिन नैनन में नैन।
जादू भरी तेरी आँखें जिधर गयी ,
घायल करके जिग़र में उतर गयी -3
अब पल पलक टरत नहीं टारे,
छीन छोरत जनु जान निकर गई -2
जादू भरी तेरी आँखें जिधर गयी ,
घायल करके जिग़र में उतर गयी-2
नैन कटारी बारी बारी पलकन मारी -3
जादू की पिटारी जिया छुई मुई कर गयी -2
जादू भरी तेरी आँखें जिधर गयी ,
घायल करके जिग़र में उतर गयी-2
हमें औरन से कछु काम नहीं ,
अब तो जो कलंक लगो सो लगो-2
और रंग दूसरो और चढेगो नहीं ,
क्योंकि ,सखी साँवरो रंग रंगो सो रंगो -4
जादू भरी तेरी आँखें जिधर गयी ,
घायल करके जिग़र में उतर गयी-2
हो……जिगर में उतर गयी।
Author: Unknown Claim credit