जय माधव मदन मुरारी,
बनवारी श्याम बनवारी……
तेरी मस्तक मुकुट विराजे,
और मोर पंख भीन साजे,
केशों की छटा है न्यारी,
जय माधव मदन मुरारी……
कानों में कुंडल सोहे,
माथे पर चंदन मोहे,
तेरी आंखें हैं कजरारी,
जय माधव मदन मुरारी…..
होठों पर लाली लाल लगी,
और मुरली तेरे हाथ सजी,
तूने काली कमरिया डारी,
जय माधव मदन मुरारी……
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