कैसे कैसे खेल तेरे और कैसी तेरी माया है….
किसी को तो कान्हा तुमने दो दो नैन दिए,
किसी को तो कान्हा तुमने जय हो,
किसी को तो कान्हा तुमने दर्शन को रुलाया है,
कैसे कैसे खेल तेरे और कैसी तेरी माया है….
किसी को तो कान्हा तुम ने दो-दो लाल दिए,
किसी को तो कान्हा तुमने जय हो,
किसी को तो कान्हा तुमने क्यों बांध बनाया है,
कैसे कैसे खेल तेरे और कैसी तेरी माया है….
किसी को तो कान्हा तुमने कोठी महल दिए,
किसी को तो कान्हा तुमने जय हो,
किसी को तो कान्हा तुमने सड़कों पर सुलाया है,
कैसे कैसे खेल तेरे और कैसी तेरी माया है….
किसी को तो कान्हा तुमने धनवान बनाया है,
किसी को तो कान्हा तुमने जय हो,
किसी को तो कान्हा तुमने क्यों भिखारी बनाया है,
कैसे कैसे खेल तेरे और कैसी तेरी माया है….
अपने अपने कर्मों का फल सबको ही पाना है,
जैसे जैसे कर्म किए जय हो,
जैसे जैसे कर्म किए वैसा ही निभाना है,
कैसे कैसे खेल तेरे और कैसी तेरी माया है….
Author: Unknown Claim credit