तर्ज – तू मेरी जिंदगी है

कान्हा बस तेरा सहारा,
छाए घने काले बादल करो उजियारा,
कान्हा बस तेरा सहारा…..

भटके हुए की इक आस है तू,
कभी बुझ ना पाए ऐसी इक प्यास है तू,
प्रेम का तू अमृत सागर तू ही उसकी धारा,
कान्हा.. बस तेरा सहारा……

जीवन सफर में कभी जो कोई हारा,
आ गया शरण जो तेरी पा गया किनारा,
नैया चला दी सरपट दिखाया किनारा,
कान्हा.. बस तेरा सहारा…..

अगर तुम ना होते तो हम जी ना पाते,
पता नही कब के ही हम खाक में समाते,
हर जन्म में मिल जाओगे वचन हो तुम्हारा,
कान्हा.. बस तेरा सहारा…..

कान्हा.. बस तेरा सहारा,
छाए घने काले बादल करो उजियारा,
कान्हा.. बस तेरा सहारा…..

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