ओ कान्हा ले चल हमें उस पार
ओ कान्हा ले चल हमें उस पार
जहाँ विराजे राधा रानी
जहाँ विराजे श्यामा प्यारी
अलबेली सरकार
ओ कान्हा ले चल हमें उस पार
कान्हा ले चल हमें उस पार
पार ओ कान्हा ले चल हमें उस पार
कान्हा ले चल हमें उस पार
जग की मुझे परवाह ही नहीं है
सूझती अब कोई राह ही नहीं है
जग की मुझे परवाह ही नहीं है
सूझती अब कोई राह ही नहीं है
तेरे बिना कोई चाह ही नहीं है
और बची कोई राह ही नहीं है
मेरे प्रीतम मेरे मोहन
मेरे प्रीतम मेरे मोहन
कर दो बेड़ा पार
ओ कान्हा ले चल हमें उस पार
कान्हा ले चल हमें उस पार
पार ओ कान्हा ले चल हमें उस पार
कान्हा ले चल हमें उस पार
गुण अवगुण सब तेरे अर्पण
पाप पूण्य सब तेरे अर्पण
गुण अवगुण सब तेरे अर्पण
पाप पूण्य सब तेरे अर्पण
बुद्धि सहित मन तेरे अर्पण
ये जीवन मन तेरे अर्पण
मैं तेरे चरणों की दासी
मैं तेरे चरणों की दासी
मेरे प्राण आधार
ओ कान्हा ले चल हमें उस पार
कान्हा ले चल हमें उस पार
पार ओ कान्हा ले चल हमें उस पार
कान्हा ले चल हमें उस पार
Author: Nikhil Verma ,