कन्हैया हर घडी मुझको,
तुम्हारी याद आती है,
मुझे मोहन रुलाती है,
तुम्हारी याद आती है,
मुझे मोहन रुलाती है,
तुम्हारी याद आती है ॥
तुम्हारी याद में मोहन,
ना हमको नींद आती है,
ये दुनिया की चमक प्यारे,
हमें भी ना सुहाती है,
मेरे दिल से मेरे मोहन,
सदा इतनी सी आती है,
कन्हैया की हूँ मैं जोगन,
मुझे इतना बताती है,
तुझे हरदम बुलाती है,
तुम्हारी याद आती है,
मुझे मोहन रुलाती है,
तुम्हारी याद आती है ॥

जो कुछ भी था दिया तुमने,
वही तुमको चढ़ाते है,
है मेरी आँख में आंसू,
यही तुमको दिखाते है,
भगत की आँख में आंसू,
ना मोहन देख पाते है,
तेरी उल्फत के बिंदु है,
यही तुमको बताते है,
मुझे हरदम जलाती है,
तुम्हारी याद आती है,
मुझे मोहन रुलाती है,
तुम्हारी याद आती है ॥

दया कर दो मेरे मोहन,
तुम्ही दाता कहाते हो,
नैनो में नीर है मेरे,
मुझे तुम क्यूँ रुलाते हो,
चले आओ मेरे मोहन,
तड़प अब सह ना पाई है,
मेरे जीवन की सांसो ने,
तुम्हारी महिमा गाई है,
‘यश’ को दर खिंच लाती है,
तुम्हारी याद आती है,
मुझे मोहन रुलाती है,
तुम्हारी याद आती है ॥

कन्हैया हर घडी मुझको,
तुम्हारी याद आती है,
तुम्हारी याद आती है,
मुझे मोहन रुलाती है,
तुम्हारी याद आती है,
मुझे मोहन रुलाती है,
तुम्हारी याद आती है ॥

Author: Unknown Claim credit

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