कन्हैया… कन्हैया…
कन्हैया तेरा यार सुदामा आया…..

बता मेरे यार सुदामा रै,
भाई घने दिना में आया,
कहू के यार कन्हैया रै,
टोटे नै घना सताया…..

बालक था रे जब आया करता,
रोज़ खेल के जाया करता,
बांध पोटली ल्याया करता,
तेरे चने मैं खाया करता,
हुए के तकरार सुदामा रे,
भाई घने दिनों में आया,
बता मेरे यार सुदामा रे,
भाई घने दिनों में आया….

मने सुना दे कुटुम्ब कहानी,
क्यूँ कर पडगी ठोकर खानी,
के बुझेगी बात पुराणी,
सुन आख्या में आ गया पानी,
टोटे की मार सुदामा रे,
भाई घने दिना में आया,
बता मेरे यार सुदामा रे,
भाई घने दिनों में आया….

सब बच्चों का हाल सुना दे,
मिस्रणी की बात बता दे,
जिसके भूखे हो शहजादे,
उस माँ ने बता कौन समझादे,
रे क्यूँ गया हार सुदामा रे,
भाई घने दिनों में आया,
बता मेरे यार सुदामा रे,
भाई घने दिनों में आया…..

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