गले से लगा लो ना साँवरिया,
गले से लगा लो ना,
तुम्हारे सिवा कोई ना मेरा,
मुझे अपना बना लो ना ।।

तर्ज – हुस्न पहाड़ो का ।

अपना नही कोई सगले पराये,
जितना उठु मुझे उतना गिराये,
आकर सँभालो ना साँवरिया,
आकर सँभालो ना,
तुम्हारे सिवा कोई ना मेरा,
मुझे अपना बना लो ना….

तेरे बिना ना कोई हमारा,
हमने सुना तू है हारे का सहारा,
मुझे भी जीता दो ना साँवरिया,
मुझे भी जीता दो ना,
तुम्हारे सिवा कोई ना मेरा,
मुझे अपना बना लो ना….

‘गंगा गौरी’ तुझको पुकारे,
आजा रे आजा पागल के प्यारे,
प्रेम बढ़ा लो ना साँवरिया,
प्रेम बढ़ा लो ना,
तुम्हारे सिवा कोई ना मेरा,
मुझे अपना बना लो ना….

गले से लगा लो ना साँवरिया,
गले से लगा लो ना,
तुम्हारे सिवा कोई ना मेरा,
मुझे अपना बना लो ना ।।

Author: Unknown Claim credit

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