तर्ज – मिलती है जिन्दगी में
करुणामयी सरकार ने,
जीना सिखा दिया,
दुनिया की ठोकरों ने तेरे,
दर पे ला दिया……
जिसने कभी भी आज तक,
सजदा नहीं किया,
उसको कृपा ने आपकी,
झुकना सिखा दिया,
करुणामई सरकार ने,
जीना सिखा दिया…..
रहते हो दिल जिगर में,
आँखों में हर घड़ी,
मस्ती का जाम आपने,
ऐसा पिला दिया,
करुणामई सरकार ने,
जीना सिखा दिया……..
दुनिया की चमक देखकर,
भटका हुआ था मैं,
मुझको दया ने आपके,
चरणों में ला दिया,
करुणामई सरकार ने,
जीना सिखा दिया…….
करुणामयी सरकार ने,
जीना सिखा दिया,
दुनिया की ठोकरों ने तेरे,
दर पे ला दिया,
करुणामई सरकार ने,
जीना सिखा दिया………
Author: Unknown Claim credit