मेरे माधव मेरे कान्हा कृष्ण गोपाला
मेरे माधव मेरे कान्हा गोपाला
जग कहे मुझे कृष्ण दीवानी
जग कहे मुझे कृष्ण दीवानी
मोह ना मुझे अपनों में
मैं ही राधा मैं ही मीरा
कृष्ण ही अब सपनों में
मैं ही राधा मैं ही मीरा
कृष्ण ही अब सपनों में
जग कहे मुझे कृष्ण दीवानी
मोह ना मुझे अपनों में
मैं ही राधा मैं ही मीरा
कृष्ण ही अब सपनों में
मैं ही राधा मैं ही मीरा
कृष्ण ही अब सपनों में
राधा संग प्रभु रास रचाये
मीरा केवल स्वप्न सजाये
राधा संग प्रभु रास रचाये
मीरा केवल स्वप्न सजाये
राधा फिर विरह में तरसे
विष पीवत मीरा भक्ति में हर्षे
राधा फिर विरह में तरसे
विष पीवत मीरा भक्ति में हर्षे
गाऊं मैं दोनों की गाथा
गाऊं मैं दोनों की गाथा
बैठ तेरे चरणों में
मैं ही राधा मैं ही मीरा
कृष्ण ही अब सपनों में
मैं ही राधा मैं ही मीरा
कृष्ण ही अब सपनों में
कृष्ण तुम आवाज हो
मेरे गीत के हर साज हो
सुनो कृष्ण
कृष्ण तुम आवाज हो
मेरे गीत के हर साज हो
तुम प्रेम हो एहसास हो
मेरे दुःख में सुख की आस हो
तुम प्रेम हो एहसास हो
मेरे दुःख में सुख की आस हो
‘स्वस्ति’ चाहे बंशी बन
हम तो चाहे बंशी बन
सज जाये तेरे अधरो पे
मैं ही राधा मैं ही मीरा
कृष्ण ही अब सपनों में
मैं ही राधा मैं ही मीरा
कृष्ण ही अब सपनों में
जग कहे मुझे कृष्ण दीवानी
मोह ना मुझे अपनों में
मैं ही राधा मैं ही मीरा
कृष्ण ही अब सपनों में
मैं ही राधा मैं ही मीरा
कृष्ण ही अब सपनों में
मैं ही राधा मैं ही मीरा
कृष्ण ही अब सपनों में
Author: Swasti Mehul,