मैया मुझे मालूम नहीं तुम्हें कैसे सजाया जाता है…..

टीका भी पहनाया जाता है,
बिंदिया भी लगाई जाती है,
कजरे की डिबिया ला करके आंखों में लगाई जाती है,
मैया मुझे मालूम नहीं तुम्हें कैसे सजाया जाता है…..

नथनी भी पहनाई जाती है,
हरवा भी पहनाया जाता है,
चुन-चुन के कलियां फूलों की, मां को हार पहनाया जाता है,
मैया मुझे मालूम नहीं तुम्हें कैसे सजाया जाता है…..

कंगन भी पहनाए जाते हैं,
चूड़ियां भी पहनाई जाती हैं,
घिस घिसकर मेहंदी, मैया के हाथों में लगाई जाती है,
मैया मुझे मालूम नहीं तुम्हें कैसे सजाया जाता है…..

पायल भी पहनाई जाती है,
बिछुआ भी पहनाए जाते हैं,
महावर की पुड़िया ला कर के, पैरों में लगाई जाती है,
मैया मुझे मालूम नहीं तुम्हें कैसे सजाया जाता है…..

मैया मुझे मालूम नहीं तुम्हें कैसे मनाया जाता है,
चौकी भी सजाई जाती है,
दरबार सजाया जाता है,
नवरात्रों में ज्योत जला कर के मेरी मां को मनाया जाता है,
मैया मुझे मालूम नहीं तुम्हें कैसे मनाया जाता है….

मैया मुझे मालूम नहीं तुम्हें कैसे भोग लगाया जाता है,
हलवा भी बनाया जाता है,
छोले भी बनाए जाते हैं,
मेवा मिष्ठान मंगा करके मां को भोग लगाया जाता है,
मैया मुझे मालूम नहीं तुम्हें कैसे भोग लगाया जाता है……

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

अपरा एकादशी

शुक्रवार, 23 मई 2025

अपरा एकादशी
शनि जयंती

मंगलवार, 27 मई 2025

शनि जयंती
निर्जला एकादशी

शुक्रवार, 06 जून 2025

निर्जला एकादशी
ज्येष्ठ पूर्णिमा

बुधवार, 11 जून 2025

ज्येष्ठ पूर्णिमा
योगिनी एकादशी

शनिवार, 21 जून 2025

योगिनी एकादशी
देवशयनी एकादशी

रविवार, 06 जुलाई 2025

देवशयनी एकादशी

संग्रह