माता पिता आप ही,
कुटुम्ब परिवार आप हो,
भाई बन्धु सखा सहायक,
आप ही जीवन का सार हो,
जीवन का उद्धार प्रभु जी,
आप ही के कारण है,
शरणागत की लाज रखते,
आप दीनानाथ जी,
मैं भी आया हूँ शरण में,
सदा निभाना साथ जी,
कर लिया राजीव ने प्रभु जी,
आपके चरणों को धारण है,
जीवन का उद्धार प्रभु जी,
आप ही के कारण है,
आप ही नैया आप ही खिवैया ,
प्रभु जी आप ही पतवार हो,
दीन हीन के भगवन,
आप ही आधार हो,
आप ही से भव तारण है,
जीवन का उद्धार प्रभु जी,
आप ही के कारण है,
क्या राजा क्या रंक फकीर,
सब करते आपकी बंदगी,
आपकी ही शरण में सभी की,
बीत रही है जिन्दगी,
चरण में आयो का,
आप ही दुख हारण हैं,
जीवन का उद्धार प्रभु जी,
आप ही के कारण है॥
राजीव त्यागी नजफगढ़
Author: Unknown Claim credit