मुरली वाले बजा दे मुरली रस की भरी,
मुरली रस की भरी मुरली तानो भरी,
बंसी वाले बजा दे बंसी रस की भरी……

ब्रह्मा नाचे शंकर नाचे, नाचे सुर मुनि सारे,
सूर्य चंद्रमा धरती नाचे, नाचे नभ के तारे,
मधुर तान जब पड़ी कान में सारी शुद्ध बिसरी,
मुरली वाले बजा दे मुरली रस की भरी…..

बंसी सुनकर बन की गाय दौड़ी दौड़ी आए,
यमुना की भी चंचल लहरें फिरक फिरक हर्षाये,
हरी दर्शन को व्याकुल गोपी ज्यू जल बिन मछली,
बंसी वाले बजा दे बंसी रस की भरी…..

मधुर स्वरों वाली गंगा से बहती निर्मल धारा,
राधा नाचे गोपी नाचे, नाचे गोकुल सारा,
वह मुरली सुन नारद नाचे कहकर हरि हरि,
बंसी वाले बजा दे बंसी रस की भरी…….
श्रेणीकृष्ण भजन

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