तेरे दरबार में नाचेंगे

तर्ज – तेरे इश्क में नाचेंगे

दीवानी श्याम आई है मिलन की आस लायी है,
महफिल सजायेंगे झूमेंगे गायेंगे ना होश में आयेंगे,
दरबार में नाचेंगे तेरे द्वार पे नाचेंगे……

महफिल में तेरी है होता यही,
जो कुछ भी मांगो मिलता यही,
दिल तेरा दरिया है डूबेंगे हम,
आंसू से अपने ये भर देंगे हम,
तेरी भक्ति में झूमेंगे,
और भजन भी गायेंगे,
झूमेंगे नाचेंगे तुम्हे भजन सुनायेंगे,
दरबार में नाचेंगे तेरे द्वार पे नाचेंगे……

मिलने की तुमसे उमंग जागी है,
दिल में तेरी ही लगन लागी है,
प्रेम हमारा तू पहचान ले,
दिल भी तुझपे ये कुर्बान है,
तुझे याद करे हर पल ना भूल पाएंगे,
हम खुशियाँ मनाएंगे,
दरबार में नाचेंगे तेरे द्वार पे नाचेंगे……

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

उत्पन्ना एकादशी

शनिवार, 15 नवम्बर 2025

उत्पन्ना एकादशी
मोक्षदा एकादशी

सोमवार, 01 दिसम्बर 2025

मोक्षदा एकादशी
मार्गशीर्ष पूर्णिमा

गुरूवार, 04 दिसम्बर 2025

मार्गशीर्ष पूर्णिमा
सफला एकादशी

सोमवार, 15 दिसम्बर 2025

सफला एकादशी
गुरु गोविंद सिंह जयंती

शनिवार, 27 दिसम्बर 2025

गुरु गोविंद सिंह जयंती
पौष पूर्णिमा

शनिवार, 03 जनवरी 2026

पौष पूर्णिमा

संग्रह