तुम सुनो श्री भगवान लगाकर ध्यान भूल मत जाना,
के तुम कलयुग में आना…..

मेरा गोकुल जैसे गाँव नही है,
यहाँ दूध दही का नाम नही है,
यहाँ मिले मोल का दूध बनाऊ उसकी खीर, खीर खा जाना,
के तुम कलयुग में आना,
तुम सुनो श्री भगवान लगाकर ध्यान भूल मत जाना……

मेरा मथुरा जैसे गाँव नही है,
यहाँ देशी घी का नाम नही है,
यहाँ मिले रिफाइंड तेल बनाऊ भोग, भोग खा जाना,
के तुम कलयुग में आना,
तुम सुनो श्री भगवान लगाकर ध्यान भूल मत जाना……

मेरा बरसाने जैसे गाँव नही है,
यहाँ राधा जैसी नार नही है,
यहाँ तरह तरह की नार हां जी हां नार भूल मत जाना,
के तुम कलयुग में आना,
तुम सुनो श्री भगवान लगाकर ध्यान भूल मत जाना…….

मैं अर्जुन जैसा भक्त नही हूँ,
मुझे गीता का कोई ज्ञान नही है,
यहाँ तरह तरह के लोग बनाते बात भूल मत जाना,
के तुम कलयुग में आना,
तुम सुनो श्री भगवान लगाकर ध्यान भूल मत जाना…….

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