उठा दो मेरी मटकी ओ बंसी वाले,
ओ बंसी वाले ओ मुरली वाले……
ओरो की तूने मटकी उठाई,
मटकी उठाई तूने मटकी उठाई,
हमारी काहे पटकी ओ बंसी वाले,
उठा दो मेरी मटकी ओ बंसी वाले…..
ओरो की तूने गैया चराई,
गैया चराई तूने गैया चराई,
मेरी काहे भटकी ओ बंसी वाले,
उठा दो मेरी मटकी ओ बंसी वाले…..
ओरो का तूने माखन खाया,
माखन खाया तूने माखन खाया,
मेरी मटकी छिके लटकी ओ बंसी वाले,
उठा दो मेरी मटकी ओ बंसी वाले…..
ओरो को तूने चुनर ओढाई,
चुनर ओढाई तूने चुनर ओढाई,
मेरी चुनरी झाड़ी अटकी ओ बंसी वाले,
उठा दो मेरी मटकी ओ बंसी वाले…..
ओरो की नैया पार लगाई,
पार लगाई तूने पार लगाई,
मेरी क्यों भंवर अटकी ओ बंसी वाले,
उठा दो मेरी मटकी ओ बंसी वाले…..
Author: Guru Ashish