हमें अपने गले से लगा लो माँ,
अपने चरणों का सेवक बना लो माँ…

तेरे भवन पर जो भी आये,
मुंह माँगा वर तुझसे पाए,
कब होगा दीदार माँ तेरा,
बैठे हैं हम आस लगाए,
अपने गोदी में हमको बिठा लो माँ,
अपने चरणो का सेवक बना लो माँ…

तेरे हवाले जीवन नैया,
कर दी हमने सुनलो ये मैया,
बीच भंवर में डूब ना जाए,
पार लगा दो बनके खिवैया,
मेरी नैया को तुम ही सम्भालो माँ,
अपने चरणो का सेवक बना लो माँ…

मैं भी आन पड़ा दर तेरे,
दूर करो माँ ग़म के अँधेरे,
तू है माँ ममता की मूरत,
हम बालक अनजान हैं तेरे,
बात ‘राणा’ की अब तो ना टालो माँ,
अपने चरणो का सेवक बना लो माँ…

हमें अपने गले से लगा लो माँ,
अपने चरणों का सेवक बना लो माँ…

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