गंगा तेरा पानी अमृत, झर झर बहता जाए,
युग युग से इस देश की धरती, तुझसे जीवन पाए |

दूर हिमालय से तू आई, गीत सुहाने गाती,
बस्ती बस्ती जंगल जंगल, सुख संदेश सुनाती,
तेरी चाँदी जैसी धारा, मीलों तक लहराए,
गंगा तेरा पानी अमृत…

कितने सूरज उभरे डूबे, गंगा तेरे द्वारे,
युगों युगों की कथा सुनाएँ, तेरे बहते धारे,
तुझको छोड़ के भारत का, इतिहास लिखा ना जाए,
गंगा तेरा पानी अमृत…

इस धरती का दुःख सुख तूने, अपने बीच समोया,
जब जब देश ग़ुलाम हुआ है, तेरा पानी रोया,
जब जब हम आज़ाद हुए हैं, तेरे तट मुस्काए,
गंगा तेरा पानी अमृत…

खेतों खेतों तुझसे जागी, धरती पर हरियाली,
फसलें तेरा राग अलापें, झूमे बाली बाली,
तेरा पानी पीकर मिट्टी, सोने में ढल जाए,
गंगा तेरा पानी अमृत…

तेरे दान की दौलत ऊँचे, खलिहानों में ढलती,
खुशियों के मेले लगते, मेहनत की डाली फलती,
लहक लहक के धूम मचाते, तेरी गोद के जाए,
गंगा तेरा पानी अमृत…

गूँज रही है तेरे तट पर, नवजीवन की सरगम,
तू नदियों का संगम करती, हम खेतों का संगम,
यही वो संगम है जो दिल का, दिल से मेल कराए,
गंगा तेरा पानी अमृत…

हर हर गंगे कहके दुनिया, तेरे आगे झुकती,
तुझी से हम सब जीवन पाएँ, तुझी से पाएँ मुक्ति,
तेरी शरण मिले तो मैया, जनम सफल हो जाए,
गंगा तेरा पानी अमृत…

Author: Unkonow Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

राधा अष्टमी

बुधवार, 11 सितम्बर 2024

राधा अष्टमी
दुर्वा अष्टमी

बुधवार, 11 सितम्बर 2024

दुर्वा अष्टमी
परिवर्तिनी एकादशी

शनिवार, 14 सितम्बर 2024

परिवर्तिनी एकादशी
ओणम/थिरुवोणम

रविवार, 15 सितम्बर 2024

ओणम/थिरुवोणम
पितृपक्ष प्रारम्भ

मंगलवार, 17 सितम्बर 2024

पितृपक्ष प्रारम्भ
अनंत चतुर्दशी

मंगलवार, 17 सितम्बर 2024

अनंत चतुर्दशी

संग्रह