मैया की चुनरिया चमक रही रे,

चमक रही रे हाँ चमक रही रे………

लाल लाल चुनरिया पे गोटा किनारी,

देखन को नजरिया तरस रही रे,

मैया की चुनरिया चमक रही रे…….

ओढ़ चुनरिया चले शेरावाली,

पैरों में पायलिया खनक रही रे,

मैया की चुनरिया चमक रही रे…….

कैसे लिखू तेरी चुनरी की शोभा,

भक्तों की उंगलिया फड़क रही रे,

मैया की चुनरिया चमक रही रे…….

भक्तो के हाथो में ढोलक बाजे,

ऐसा लागे के चूड़ी खनक रही रे,

मैया की चुनरिया चमक रही रे…….

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

दुर्गा अष्टमी

शुक्रवार, 11 अक्टूबर 2024

दुर्गा अष्टमी
महा नवमी

शुक्रवार, 11 अक्टूबर 2024

महा नवमी
दशहरा

शनिवार, 12 अक्टूबर 2024

दशहरा
पापांकुशा एकादशी

सोमवार, 14 अक्टूबर 2024

पापांकुशा एकादशी
कोजागर लक्ष्मी पूजा

बुधवार, 16 अक्टूबर 2024

कोजागर लक्ष्मी पूजा
अश्विन पूर्णिमा

गुरूवार, 17 अक्टूबर 2024

अश्विन पूर्णिमा

संग्रह