मैया की चुनरिया चमक रही रे,
चमक रही रे हाँ चमक रही रे………
लाल लाल चुनरिया पे गोटा किनारी,
देखन को नजरिया तरस रही रे,
मैया की चुनरिया चमक रही रे…….
ओढ़ चुनरिया चले शेरावाली,
पैरों में पायलिया खनक रही रे,
मैया की चुनरिया चमक रही रे…….
कैसे लिखू तेरी चुनरी की शोभा,
भक्तों की उंगलिया फड़क रही रे,
मैया की चुनरिया चमक रही रे…….
भक्तो के हाथो में ढोलक बाजे,
ऐसा लागे के चूड़ी खनक रही रे,
मैया की चुनरिया चमक रही रे…….
Author: Unknown Claim credit